अक्सर विद्यार्थियों को शिकायत होती है कि उन्होंने अपना पाठ याद तो किया था मगर भूल गए | कभी कुछ लोगों को लगता है कि इस व्यक्ति कहीं देखा तो है पर नाम याद नहीं आ रहा. शायद हम भूल रहे हैं। दरअसल. ध्यान और एकाग्रता की कमी के कारण ऐसा होता है. इसलिए अगर किसी चीज़ को याद रखना चाहते हैं तो सबसे पहले उसपर अपना पूरा ध्यान लगाकर ग़ौर से देखें. पढ़ें और फिर दिमाग में बैठाएं
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव –
१. दिमागी तौर पर सक्रिय रहें –
शरीर को फ़िट रखने के लिए जिस तरह शारीरिक व्यायाम की आवश्यकता होती है. उसी तरह हमारे मस्तिष्क को भी व्यायाम की आवश्यकता होती है। मानसिक सक्रियता के लिए कोई भी क्रिया जैसे सुडोकु. वर्ग पहेली. आदि नियमित रूप से हल करें। अख़बार के उस हिस्से को पढ़ें जिसे आप आमतौर पर नज़रंदाज़ कर देते हैं।
२. कुछ नया करें –
जो आपने पहले न किया हो,ऐसा कुछ नया रचनात्मक कार्य करें सप्ताह में नया काम या नयी चीज़ जो आपको पसंद हो. ज़रूर सीखें. जैसे अपने पसंदीदा खेल के नियम याद करना. नया व्यंजन बनाना सीखना. आदि कुछ न सूझे तो उलटे हाथ से कंघी या ब्रश करें
३ . व्यवस्थित रहें –
अपनी दिनचर्या व्यवस्थित बनायें तथा चीज़ों को तय स्थान पर रखने कि आदत डालें।
४. एक समय में एक ही कार्य करें –
आप जो पढ़ना या याद करना चाहते हैं. अगर उसी पर ध्यान देंगे. तो वह आपको ज़रूर याद रहेगा। एक बार में कई जगह ध्यान होगा तो याद रखने में मुश्किल होगी।
५. मानसिक चित्रण (Visualization) –
यह भी दिमागी कसरत का अच्छा तरीका है। जब भी आप ख़ाली बैठे हों या सोने की तैयारी कर रहे हों, तो कक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाया गया पाठ, आपके द्वारा याद किया हुआ विषय, आदि के बारे में सोचें इससे दिमाग़ सक्रिय रहता है तथा तनाव से मुक्ति मिलती है।
६. पढ़ाई का समय स्वयं निश्चित करें –
आप जिस समय अधिक ध्यान से पढ़ या याद कर पाते हैं. वही समय चुनें क्योंकि २४ घंटे में से हर व्यक्ति कि मानसिक सक्रियता अलग – अलग समय पर सर्वश्रेष्ठ होती है।
७. लगातार लम्बी अवधि तक न पढ़ें –
पढ़ते समय एक घंटे बाद ५-१० मिनट के लिए विश्राम लें । एक साथ बहुत लम्बे उत्तर को याद करने की अपेक्षा उसे छोटे-छोटे भाग में बाँट कर याद करें।
अतिरिक्त सुझाव –
- पढ़ाई की जगह निश्चित करें – रोज़ाना उसी जगह पर पढ़ने से दिमाग़ स्वयं को पढ़ाई के लिये तैयार
- कर लेता है। ऐसे स्थान पर बैठकर पढ़ें या याद करें जहाँ शोर गुल कम हो तथा आपका ध्यान पढ़ने में लगे।
- विषय में अपने आपको पूरी तरह समाहित करें – सिर्फ पढ़ते जाने की बजाय सोचें कि आपने अभी तक
- क्या पढ़ा है. उसके बारे में सवाल बनायें और खुद से वे सवाल पूछें। सोचें. जो पढ़ा है उसके मुख्य अंश कौन-कौन से हैं।
- सभी इन्द्रियों का अधिक से अधिक प्रयोग -प्रत्येक व्यक्ति की याद करने की अपनी अलग शैली होती है. कुछ देख कर. कुछ लिख कर. कुछ बोल कर अधिक सीखते हैं। लेकिन जिस कार्य में हमारी समस्त इन्द्रियों का प्रयोग होता है. उसको हम बेहतर ढंग से याद कर पाते हैं।
- याद किये विषय को दोहरायें – २४ घंटे बाद पहली बार और एक हफ्ते बाद दूसरी बाद ज़रूर दौहरायें। जहाँ तक संभव हो. याद की हुई सामग्री को बिना देखे दोहराएं |
- विषय वस्तु को आपस में जोड़ कर याद करें (Association)- जो पढ़ा है उसे ऐसी किसी चीज़ से जोड़ दें जिसे आप पहले से जानते हैं।
- किसी जानकारी को लयबद्ध या तुकबंदी करके याद करने से जल्दी याद हो जाता है – जैसे BHAJSA – मुगल बादशाहों के क्रमबद्ध नाम याद करने का तरीका- बाबर. हुमायूँ, अकबर. जहाँगीर. शाहजहों औरंगज़ेब [समझ कर बार-बार अभ्यास करने से भी जानकारी दिमाग में ठीक से बैठ जाती है।
- साझा करें – जो कुछ आपने याद किया है.उसे अपने मित्र. भाई या बहन. को सुनाएँ या उनके साथ चर्चा करें। ऐसा करने से विषय-वस्तु की समझ पक्की हो जाती है तथा रिवीज़न भी हो जाता है।
- उचित नींद व संतुलित भोजन – रोज़ाना ७-८ घंटे की नींद से याद्राश्त अच्छी रहती है। भोजन में फल व हरी सब्जियों तथा पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट का होना अत्यंत आवश्यक है। यदि हो सके तो अपनी ख़ुराक में बादाम. मूंगफली. फ्लेक्स सीड, व नट्स को भी शामिल करें| रोज़ ७-८ गिलास पानी अवश्य पियें।
- योग व नियमित व्यायाम – नियमित व्यायाम करने से दिमाग़ समेत पूरे शरीर में रक्त का तीव्र प्रवाह होता है जो हमें शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है | ध्यान व गहरी श्वास जैसी क्रियाएं हमें तनाव मुक्त करती हैं तथा एकाग्रता बढ़ाती हैं जिससे किसी वस्तु को भूलने की संभावना कम होती है।